ग़ज़ल (आये भी अकेले थे और जाना भी अकेला है)

गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल : आये भी अकेले थे और जाना भी अकेला है

पैसोँ की ललक देखो दिन कैसे दिखाती है उधर माँ बाप तन्हा हैं इधर बेटा अकेला है रुपये पैसोँ की

Read More