गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 26/05/2016 कौन कब आसूँ बहाता है), ग़ज़ल (किसी के हाल पर यारों, मदन मोहन सक्सेना ग़ज़ल (किसी के हाल पर यारों,कौन कब आसूँ बहाता है) ग़ज़ल (किसी के हाल पर यारों,कौन कब आसूँ बहाता है) दिल के पास है लेकिन निगाहों से जो ओझल है Read More