गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 18/10/201618/10/2016 ग़ज़ल ( कौन साथ ले जा पाया है रुपया पैसा महल अटारी), मदन मोहन सक्सेना ग़ज़ल : कौन साथ ले जा पाया है… कौन किसी का खाता है अपनी किस्मत का सब खाते मिलने पर सब होते खुश हैं ना मिलने पर गाल Read More