गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 06/09/201622/09/2016 ग़ज़ल ( क्या जज्बात की कीमत चंद महीने के लिए है ), मदन मोहन सक्सेना ग़ज़ल ( क्या जज्बात की कीमत चंद महीने के लिए है ) दर्द को अपने से कभी रुखसत ना कीजिये क्योंकि दर्द का सहारा तो जीने के लिए है पी करके मर्जे Read More