गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 08/08/201608/08/2016 ( ग़ज़ल )हर पल याद रहती है निगाहों में बसी सूरत, मदन मोहन सक्सेना ग़ज़ल : हर पल याद रहती है निगाहों में बसी सूरत सजा क्या खूब मिलती है किसी से दिल लगाने की तन्हाई की महफ़िल में आदत हो गयी गाने की हर Read More