विश्व भारती फिर तू कोई वीर सावरकर पैदा कर
विश्व भारती फिर तू कोई क्राँति दिवाकर पैदा कर,
एक बार फिर से धरती पर कोई सावरकर पैदा कर।
जलती जाती ज्वालाएँ सब,
टूट रही हैँ मालाएँ सब,
शत शत बार तेरा वंदन करता कोई प्रभाकर पैदा कर,
एक बार फिर से धरती पर कोई सावरकर पैदा कर।
लहू उबलते पड गये ठंडे,
झुकते जाते क्राँति के झंडे,
लहराए शान से विजय पताका ऐँसा कद्दावर पैदा कर,
एक बार फिर से धरती पर कोई सावरकर पैदा कर।
अंधकार अज्ञान का छाया,
मानव को ठगती है माया,
जो शूरवीर करे प्रकाश फिर ऐँसा विद्याधर पैदा कर,
एक बार फिर से धरती पर कोई सावरकर पैदा कर।
महान भारतपुत्र वीर सावरकर जी को सादर समर्पित…
_____सौरभ कुमार दुबे
क्रांतिवीर सावरकर न केवल स्वयं क्रन्तिकारी थे, बल्कि उन्होंने अनेक क्रांतिकारियों को प्रेरणा दी थी. उनकी स्मृति को शत-शत नमन !