धर्म
धर्म क्या है?
नया जीवन
मन का दर्पण
आत्मसमर्पण
या लक्ष्य कोई असाध्य सा,
धर्म क्या है?
कोई बिँदू
अथाह सिँधु
या लक्षण कोई बुरे को बाध्य सा।।
धर्म क्या है?
साधना है,
भावना है,
या नूतनता का साध्य सा,
धर्म क्या है?
रथ कोई,
पथ कोई,
या कल्पना का काव्य सा।।
धर्म क्या है?
सत्य है,
अमृत्य है,
या सनातन के साक्ष्य सा,
धर्म क्या है?
गर्व है,
सर्व है,
या कुछ नहीँ अप्राप्य सा।।
धर्म क्या है?
विचार है,
प्रचार है,
या सर्वज्ञ है सर्वव्याप्य सा,
धर्म क्या है?
शक्ति है,
भक्ति है,
या भगवान है सौभाग्य सा।।
वो सनातन,
सम्मान है,
भक्त है,
भगवान है,
निश्चित सदा जो कर्म है,
वही मेरा धर्म है…!!
{{सौरभ कुमार}}
अच्छी कविता.