हाइकु कविताएँ
हाथों में छाले
किस्मत की अभागी
रोटी की लाले ।
बनो तो सही
आस की एक ज्योति
सुख है वही ।
जागती रातें
पलक सोये स्वप्न
नींदे को ताके ।
सिसका वन
लूट ले गयी लाज
आधुनिकता ।
स्वेद की बूँद
मोती बन बिखरे
किस्मत पृष्ठ ।
सहमी खड़ी
इंसानियत खोटी
बातें है बड़ी ।
हाइकु बहुत अछे लगे , मुझ पंजाबी को भी समझ आ गए .
अच्छे हायकु। इसी प्रकार सरल शब्दों में लिखे हायकु मुझे अच्छे लगते हैं।