अरमान
उम्मीद हो अरमान हो
मेरी ज़िंदगी की मुस्कान हो
यूं रूठना ना कभी मुझसे ,
क्योंकि तुम बिन मेरी दुनिया ही वीरान है
सँजोया है एक सपना ,
वो मिलकर तुम संग हकीकत मे बदलेंगे कभी
इन्हीं उम्मीदों संग ,,,,,,
आज भी ये दिले नादान है …….!
संगीता सिंह ‘भावना’
अच्छी कविता!