मसखरे
अगर
न बोले तो
गूँगा
कम बोले तो-
मुंहचोर
अधिक बोले तो-
बतोड़
आखिर.
करे भी तो
क्या करे
सिवाय
करते मसखरे
मुंहजोर
दसों दिशाओं में
चल रहे
मसखरे
बेबस…..व्यवस्था
और इनके
नाज-नखरे
आम-आदमी
कौड़ियों से भी
बदत्तर
बिक रहे।
अगर
न बोले तो
गूँगा
कम बोले तो-
मुंहचोर
अधिक बोले तो-
बतोड़
आखिर.
करे भी तो
क्या करे
सिवाय
करते मसखरे
मुंहजोर
दसों दिशाओं में
चल रहे
मसखरे
बेबस…..व्यवस्था
और इनके
नाज-नखरे
आम-आदमी
कौड़ियों से भी
बदत्तर
बिक रहे।
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वाह वाह !
अत्ति रोचक .
उम्दा रचना