बाल कविता : स्कूल चलो
पाँच साल की हुई जो सिमरन,
दादा बोले चल,
नाम लिखा आता हूं स्कूल में
पढ लिख कर बनो सफल,
बेमन से होकर तैयार,
बिटिया चली स्कूल,
पूरे दिन बस खेल खेलना,
कैसे जाती भूल,
भूख लगी जब लंच टाईम में,
डिब्बा उसने खोला,
बड़े प्यार से भोला मिन्टू ,
आकर उससे बोला,
आओ सिमरन साथ खाऐंगे ,
जो भी हम सब लाऐ,
मेरी मां ने देखो आज,
मीठे पुए बनाए,
नऐ नऐ जब दोस्त मिले,
बिटिया रानी मुस्काई,
स्कूल उसे इतना भाया कि,
घर की याद ना आई।।
— असमा सुबहानी
बहुत अच्छी और प्रेरक बाल कविता.
बाल कविता बहुत अच्छी लगी .