दोस्ती
बिना डोर ही बंध जाता है, वो बंधन है
पूजा की रोली है, माथे का चंदन है
भावों का अमृत है, जीवन परिभाषा है
हर पल साथ निभाने वाली, इक आशा है
प्रेम ,समर्पण की गाथा है, अहसासों का वंदन है
मूल्यों का आदर्श दोस्ती, रिश्तों का अभिनंदन है।
खुदगर्जी के दौर मे भी, पावनता की अनुभूति है
दोस्ती अब भी वही सुदामा, दोस्ती केशव नंदन है॥
दोस्ती दोस्त से वफा का वादा है
दोस्ती पावन है पवित्र है, मर्यादा है
दोस्ती भावना है, विश्वास है
दोस्ती खूबसूरत अहसास है
दोस्ती दुनियां का सम्पूर्ण बंधन है
दोस्ती आत्मिकता है, वंदन है,
सम्पूर्णता का अभिनंदन है….
सतीश बंसल
badhiyaa klmkar badhai
शुक्रिया मंजु जी
हौसला अफजाई प्रेरित करती है…