महान पुरुष कलाम
कलाम जी का चले जाना।
पूरे विश्व को रूला जाना।
पुरा देश एक महान पुरुष को खोया है,
उस महान पुरुष के निधन हो जाने से।
दिये थे-
अभूतपूर्व योगदान,
देश की रक्षा प्रद्यौगिकी में।
किये थे-
तन-मन से भारत देश का कल्याण।
इनके ही सानिध्य में,
बन गया अपना देश महान।
हुआ था अपने देश का नाम।
आने वाली पीढ़ी उनके कार्यकाल को,
रखेगा याद।
अध्ययन कर चुके थे।
भागवत और कुरान की।
राजनीति क्षेत्र में,
रही इनकी अलग पहचान।
अन्तराष्ट्रीय स्तर पर,
भारत की भूमिका का किये विस्तार।
अन्त में सबको आँसू देकर,
चले गये अपने अन्तिम धाम।
दे गये सबको अनोखी शिक्षा।
चलते हुए इनके डगर पर ,
दिलाते रहे देश को सम्मान।
दे गये हमारे लिए चन्द पंक्तियां–
“सबसे उत्तम कार्य क्या होता ?
इन्सान के दिल को खुश करना।
किसी भूखे को खाना देना।
जरूरतमंद की मदद करना।
किसी दुखियारे का दुख हल्का करना।
किसी घायल की सेवा करना।”
यही चन्द पंक्तियां देकर,
छोड़ गये अपना नाम,
याद करने के लिए –
ए०पी०अब्दुल कलाम।
रमेश कुमार सिंह /१४-०८-२१०५