दोहे
मात बनी है मोम तो,पिता बने है डैड।
भूल गए संस्कार सब, आदत है ये बैड।।
सीधे-सादे है नहीं, जीवन के पथ वक्र।
उलझ गई है ज़िन्दगी, फैले ढेरों चक्र।।
मात बनी है मोम तो,पिता बने है डैड।
भूल गए संस्कार सब, आदत है ये बैड।।
सीधे-सादे है नहीं, जीवन के पथ वक्र।
उलझ गई है ज़िन्दगी, फैले ढेरों चक्र।।