प्रिय सखी कुलवंत जी, आपको वसंत पंचमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. पेशे खिदमत है आपके लिए वसंत पंचमी का सुहाना उपहार, गुरमैल भाई की आत्मकथा का तीसरा भाग, मेरी कहानी-3. गुरमैल भाई को केसर वाले नारियल के लड्डू खिलाइएगा और हमें भी रेसिपी लिख भेजिएगा-
*लीला तिवानी
लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं।
लीला तिवानी
57, बैंक अपार्टमेंट्स,
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द्वारका, नई दिल्ली
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मोबाइल- +91 98681 25244
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4 thoughts on “उपहार”
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बहुत अच्छा उपहार !
प्रिय विजय भाई जी, पसंद करने के लिए शुक्रिया.
हा हा !इस वक्त तो मुझे भारत की बसंत रितु का मज़ा लेना चाहिए था .
प्रिय गुरमैल भाई जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है.