आत्मकथाएं

सौगात

प्रिय गुरमैल भाई जी, आपको वसंत पंचमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. पेशे खिदमत है आपके लिए वसंत पंचमी का सुहानी सौगात. आपकी लिखी आत्मकथा का चौथा भाग आपकी ही नज़र है मेरी कहानी-4. बताइएगा, केसर वाले नारियल के लड्डू कैसे बने हैं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

7 thoughts on “सौगात

  • विजय कुमार सिंघल

    एक और अच्छा कार्य !

    • लीला तिवानी

      प्रिय विजय भाई जी, शुक्रिया.

    • लीला तिवानी

      प्रिय विजय भाई जी, शुक्रिया.

  • लीला बहन , बसंत पंचमी की सौगात तो इतनी बड़ी है कि मेरी झोली कम पडी गई . आप को भी बसंत पंचमी की बहुत बहुत वधाई हो .लडू तो पंजाबी में बह जा बह जा हो गई .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, आपका लेखन अद्भुत है.

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    वाहह लाजवाब अनुपम सृजन के लिए बधाई बहन जी

    • लीला तिवानी

      प्रिय राजकिशोर भाई जी, आपको भी बधाई.

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