होली तो बहाना है…
होली तो बहाना है, रंगों के बहाने से हमें यार मनाना है।
आ आके गले लग जा, इस होली में सारा मनभेद मिटाना है॥
बिन तेरे यार मेरे, हर रंग है फीका सा आ रंग रंग कर दे।
नीरस से जीवन को, आ बाहों में आके फ़ागुन का रंग भर दे॥
जो बीता सो बीता, वो वक्त भुलाना है,अब यार को पाना है…..
आ आके गले लग जा, इस होली में सारा मनभेद मिटाना है……
बिन तेरे ये दुनिया, वीरान सी लगती है सुनसान सी लगती है।
आ दे दे चैन जरा तेरे बिन सांसों में एक आग सुलगती है॥
बांहों के घेरों में, चाहत का ठिकाना है हमदम को पाना है…
आ आके गले लग जा, इस होली में सारा मनभेद मिटाना है…..
तु रूठ गया जब से, ऐसा लगता है ये दुनियां ही रूठ गयी।
तेरा साथ जो छूटा तो, यूं लगा मेरी सारी खुशिया ही रूठ गयी॥
खुशियों का फिर वो ही, संसार बसाना है,उस प्यार को पाना है……
आ आके गले लग जा, इस होली में सारा मनभेद मिटाना है……..
चलो भूल के सब बातें, आ जाओ लगा लो गले अब और न तरसाओ।
इन रंगो के संग संग, प्यार के मधुरस का अमृत भी बरसाओ॥
इस प्रेम के सबरस में, आनंद समाना है बस डूब ही जाना है……
आ आके गले लग जा, इस होली में सारा मनभेद मिटाना है…..
सतीश बंसल
बहुत खूब !
शुक्रिया विजय जी..