गीत/नवगीत

दिल का चैन अंखियों की नींद…

दिल का चैन अंखियों की नींद ले गया कोई।
बुत बचा है बाकी मेरी जिंद ले गया कोई॥

धडकनें रुकी रुकी हैं सांसे मंद मंद है
जब से वो गया है मेरे दिल में एक द्वंद है॥
प्यार के बहाने दिल को दर्द दे गया कोई..
बुत बचा है बाकी मेरी जिंद ले गया कोई…

आईने में खुद को देखूं आता है वो ही नज़र।
बे हवास भागता है मन मेरा ईधर उधर॥
इश्क में ये आहें ठंड़ी ठंड़ी दे गया कोई …
बुत बचा है बाकी मेरी जिंद ले गया कोई…

पूछने लगी हैं सखियां उनको क्या जवाब दूं।
बेकरार धड़कनों का किस तरहा हिसाब दूं॥
दिल मेरा गुलाब की मानिन्द ले गया कोई…
बुत बचा है बाकी मेरी जिंद ले गया कोई….

वो ही वो है बस वही है और कोई कुछ नही।
उसके बिना ज़िन्दगी में ज़िन्दगानी कुछ नही॥
मुझको सपनों की कटी पतंग दे गया कोई…
बुत बचा है बाकी मेरी जिंद ले गया कोई…..

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.

2 thoughts on “दिल का चैन अंखियों की नींद…

  • विजय कुमार सिंघल

    वाह !

    • सतीश बंसल

      शुक्रिया विजय जी..

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