मुक्तक
याद आते हो अक्सर रातों में ।
रो देती हूँ बातों बातों में ।
पास आओ न छोडो मुझे तनहा ।
घुल गए हो तुम जज्बातो में ।
बसते हो तुम इस दिल में ।
मुझे याद करो उन लम्हो में ।
जो वादा किया मुझे ना भूलोगे ।
चाहे हो जैसे हालातो में ।
— अनुपमा दीक्षित “मयंक”
बढ़िया !
bahut khub