मुक्तक/दोहा

मुक्तक

याद आते हो अक्सर रातों में ।

रो देती हूँ बातों बातों में ।

पास आओ न छोडो मुझे तनहा ।

घुल गए हो तुम जज्बातो में ।

बसते हो तुम इस दिल में ।

मुझे याद करो उन लम्हो में ।

जो वादा किया मुझे ना भूलोगे ।

चाहे हो जैसे हालातो में ।

अनुपमा दीक्षित “मयंक”

अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

नाम - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज पिता - जय प्रकाश दीक्षित पता - एल.आइ.जी. ७२७ सेक्टर डी कालिन्दी बिहार जिला - आगरा उ.प्र. पिन - २८२००६ जन्म तिथि - ०९/०४/१९९२ मो.- ७५३५०९४११९ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन छन्दयुक्त एवं छन्दबद्ध रचनाएं देश विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ मे रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा - परास्नातक ( बीज विग्यान एवं प्रोद्योगिकी ) बी. एड ईमेल - adixit973@gmail.com

2 thoughts on “मुक्तक

  • विजय कुमार सिंघल

    बढ़िया !

  • गुंजन अग्रवाल

    bahut khub

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