गीत/नवगीत

अदा से क्या जादू कर रहे हो…

अदा से क्या जादू कर रहे हो, नज़र से दिल में उतर रहे हो।
निगाहें तुम पर रुकी हुई है, जिगर से मेरे गुजर रहे हो॥

जवां है हम भी जवां हो तुम भी, चलो नयी दास्तां कुछ बनाये।
करीब थोडा सा तुम भी आओ, करीब थोडा सा हम भी आये॥
नज़र से मेरी नज़र मिलाओ, करो हौसला क्यूं डर रहे हो….
निगाहें तुम पर रुकी हुई है, जिगर से मेरे गुजर रहे हो…..

अभी अभी तो मिले हो हमसे,सितम अभी से न इतना ढाओ।
इश्क पे मेरे करो भरोसा, वफ़ा को मेरी न आजमाओ॥
जरा सुनो तो मेरी धडकने, क्यूं अनसुना इनको कर रहे हो….
निगाहें तुम पर रुकी हुई है, जिग़र से मेरे गुजर रहे हो…..

हो प्यार पहली नज़र का मेरी, भुलाना मुमकिन नही है तुमको।
बसी है तस्वीर जो ज़िगर में, हटाना मुमकिन नही है उसको॥
तुम्हे ये शायद पता नही है, सितम क्या तुम हम पे कर रहे हो…..
निगाहें तुम पर रुकी हुई है, ज़िगर से मेरे गुजर रहे हो…..

मेरे प्यार को न आम समझो, मेरी मोहब्बत जुदा है सबसे।
हर इक जन्म तुम रहोगे मेरे, वादा लिया है खुदा से रब से॥
तुम्हे भी चाहत तो है हमारी, क्यूं जाने कहने से डर रहे हो….
निगाहें तुम पर रुकी हुई है, जिगर से मेरे गुजर रहे हो…

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.

2 thoughts on “अदा से क्या जादू कर रहे हो…

  • अर्जुन सिंह नेगी

    बंसल साहब! सुन्दर गीत , मेरे प्यार को न आम समझो, सुन्दर पंक्तियाँ

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत शानदार गीत !

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