पगला गये सु शासन बाबू बातें करते हैं बेमानी
पगला गये सु शासन बाबू बातें करते हैं बेमानी
भूल गए हैं सन सैतालिस क्रूर भेडियो की मनमानी
लाखो काटे गये नि हत्थे पटी शवों से ट्रेने आईं
बलत्कार बहनो ने झेलें रोई बिलख बिलख तरुणाई
भूल गए भारत विकास में स्वयम सेवको की क़ुरबानी
पगला गये सु शासन बाबू बातें करते हैं बेमानी
याद उन्हें करलो जो कहते दो घंटे को फ़ोर्स हटाओ
हम वो हाल करेंगे जिसको तुम सदियों तक भूल न पाओ
सत्ता के लालच ने तुम क्यों फिर गढ़ते हो नई कहानी
पगला गये सु शासन बाबू बातें करते हैं बेमानी
संघ मुक्त भारत मत सोचो पहले भ्र्ष्टाचार मिटाओ
शिक्षा भूख गरीबी वाले सारे मुद्दों को निपटाओ
करो चमत्कृत सकल विश्व को लोग कहें तुमको लासानी
पगला गये सु शासन बाबू बातें करते हैं बेमानी
— मनोज श्रीवास्तव
बहुत अच्छा गीत !