एक बूँद चाय
चाय के इस लेन-देन में
कुछ इधर आई, कुछ उधर गई
कुछ होंठों से लगी, कुछ बासी भई
पर हड़बड़ी में अचानक
हाथ दिया टेबल पर पटक
तो लेते-देते चाय की एक प्याली
गरमागरम-इलायची वाली
झलक उठी गिरने को तत्पर
पर तुम पे गिरने न दी, न मुझ पर
बच गए हम दोनों हाय!
ज़मीन पर गिरी बस एक बूँद चाय।
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