कविता :हर वक़्त…. हद से ज्यादा, तुम याद हमें आते हो !!
अक्स बन के मेरा
संग रहते हो, इस दिल में !
ख्यालों की मेरे रेखा
तुम पार कर जाते हो !
हर वक़्त….
हद से ज्यादा, तुम याद हमें आते हो !!
सताएँ हैं तन्हाईयाँ
अब पहले से भी ज्यादा !
अपनी आँखों की कशिश से
दबे जज्बात जगाते हो !
हर वक़्त….
हद से ज्यादा, तुम याद हमें आते हो !!
दबे – दबे से अरमां
अब जागने लगे हैं !
बढ़ जाती है ये धड़कन
जब बाहों में समाते हो !
हर वक़्त….
हद से ज्यादा, तुम याद हमें आते हो !!
अंजु गुप्ता