चंद यमक शेर
सफ़र में सफर की चिंता करने से क्या बात बनेगी?
छाले पड़ेंगे, बढ़ेंगे, फूटेंगे और फिर ठीक भी हो जाएंगे.
वो कहते हैं, ”हम मोबाइल के बिना मोबाइल नहीं रह सकते,
याद करो वो ज़माना, जब फोन भी नहीं था, बिंदास हो जाओगे.
चश्मों को तनिक देर तो चश्मों से दूर रहने दो,
उनको भी प्राकृतिक विटामिन डी से भरपूर रहने दो.
नज़र को नज़र न लग जाए, ध्यान रखिएगा,
कुछ औरों के हित की बात करिएगा, कुछ अपना मान रखिएगा.
यमक अलंकार में एक शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार होता है, पर एक ही शब्द एक से अधिक अर्थों में प्रयुक्त होता है.
बहुत सुन्दर रचना लीला बहन .
प्रिय गुरमैल भाई जी, अति सुंदर, अनमोल, मार्गदर्शक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
रूपक अलंकार में हाइकु-
”प्रेम की पाती
नित-नित लिखती
भेज न पाती.”
प्रणाम बहन जी सुंदर अलांकारित सृजन
प्रिय राजकिशोर भाई जी, आप तो खुद छंदों के बादशाह हैं. अति सुंदर, अनमोल, मार्गदर्शक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
नज़र को नज़र न लग जाए, ध्यान रखिएगा,
कुछ औरों के हित की बात करिएगा, कुछ अपना मान रखिएगा.
बहुत अच्छी विचारोतेजक पंक्तियाँ। सादर नमस्ते बहिन ही एवं धन्यवाद्।
प्रिय मनमोहन भाई जी, अति सुंदर, मार्गदर्शक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.