मैं अब चुप रहूंगी
मैं अब चुप रहूंगी न करुँगी कोई गिला न ही कोई शिकवा और न शिकायत करुँगी कि मैं अब चुप
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Read Moreओ३म् हमें जो मानव शरीर मिला है उसमें पांच ज्ञान इन्द्रियां और पांच कर्म इन्द्रियां हैं। इनके अतिरिक्त शरीर के
Read Moreहम सभी अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करते हैं। वास्तव में हमारा सारा जीवन ही समस्याओं से भरा होता
Read Moreमाँ की ममता को छोड़ आया हूँ , लाडली सी बहन को चहकते छोड़ आया हूँ , अपनी भारत माँ
Read More१८ अगस्त को पूरे देश में राखी का त्यौहार मनाने की धूम थी. सभी लोग राखी की तैयारियों में लगे
Read Moreजीवन संध्या में दोनों एक दूसरे के लिए नदी की धारा थे। जब एक बिस्तर में जिन्दगी की सांसे गिनता
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