मनहरण कवित : विश्व हिंदी दिवस विशेष
हिंदी भाषा हिन्द की ये,जगत मे न्यारी लगे,
ऐसी न्यारी प्यारी भाषा,आप अपनाइये ।
मॉम डेड सिस वाली,गुलामी के बोल भरी,
बोल दूजी भाषा मत,मान को घटाइए ।
देवनागरी है लिपि,सरस सुहानी बोली,
लिख – लिख पातरियां,प्रेम गीत गाइये ।
हिंदी वाले हिन्द के है,हम सब हिंदुस्तानी,
हिंदी लिख,हिंदी बोल,सभी को बताइये ।
✍नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष”