कुण्डली/छंद

मनहरण कवित : विश्व हिंदी दिवस विशेष

हिंदी भाषा हिन्द की ये,जगत मे न्यारी लगे,

ऐसी न्यारी प्यारी भाषा,आप अपनाइये ।

मॉम डेड सिस वाली,गुलामी के बोल भरी,

बोल दूजी भाषा मत,मान  को   घटाइए ।

देवनागरी है लिपि,सरस   सुहानी  बोली,

लिख – लिख पातरियां,प्रेम  गीत गाइये ।

हिंदी वाले हिन्द के है,हम सब हिंदुस्तानी,

हिंदी लिख,हिंदी बोल,सभी को बताइये ।

✍नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष”

नवीन श्रोत्रिय 'उत्कर्ष'

नवीन श्रोत्रिय "उत्कर्ष" श्रोत्रिय निवास,भगवती कॉलोनी बयाना (भरतपुर) राजस्थान पिनकोड - 321401 +91 84 4008-4006​ +91 95 4989-9145