ग़ज़ल
ज़िन्दगी में तूफानों का सामना करना होगा।
न बहके फिर कदम अपने हमको संभलना होगा।
कहीं मिल जाए कायनात सारी कहीं कुछ भी नहीं;
अपनी मेहनत से पर किस्मत को बदलना होगा।
मिल जाती है यूं तो राहें बहुत मंज़िल के लिए;
सही राह को सोच से अपनी हमें चुनना होगा।
आज ना जानता हमें हो शायद कोई जहां में;
हौंसलों से अपने नभ तक हमें पहुंचना होगा।
बड़ती पल पल “कामनी” ख्वाहिशें औ उम्मीदे यूं;
हर कसौटी पे खरा हमको मगर उतरना होगा।
कामनी गुप्ता***
जम्मू !