अमन
अमूमन हम ‘अमन’ शब्द का प्रयोग करते हैं
शांति के लिए
शांति व्यक्तियों-समुदायों के बीच,
शांति राज्यों-देशों के बीच,
अमन शब्द की संरचना पर ध्यान दें
तो यह मन शब्द का विलोम है
मन के न होने की स्थिति को अमन कहते हैं
अतः यह केवल बाहरी शांति का प्रतीक नहीं है,
यह शब्द मनुष्य की आंतरिक शांति की कुंजी बन सकती है,
अमन यानी मन के न होने की अवस्था ही,
चित्त को शांत कर सकती है,
मन की क्रीड़ा ही बन जाती है हमारी पीड़ा,
जिसमें मन ही न रहा,
उसने उठा लिया शांति का बीड़ा,
अमन में प्रतिष्ठित हमारी मनोदशा सुखधाम देती है,
हमें सृजनता के नए आयाम देती है.