दिया जलाना है
जनमानस क पर्व है आया, सबको दीप जलाना है।
दिया जलाकर हर जगहों पर,जोति यहाँ फैलाना है।
द्वेष कलह को यहाँ भूलकर, सबको गले लगाना है।
उज्ज्वल कराने के कारण, सबको हाथ बटाना है॥१॥
खुशहाली आई है आज, सबको खुशी मनाना है।
बिगड़े हुए सभी रिश्तों को, आपस में सलटाना है।
भरे हुए अन्दर कचड़े को, सबसे बाहर कराना है।
अच्छे इन्सानों की श्रेणी में, सबको यहाँ पे लाना है॥२॥
उजीयारा करने के लिये, प्रकाश हमें जलाना है।
मन में भरे अहंकारो को , अब से दूर भगाना है।
दिया जलाने के अवसर पर, स्वच्छ पाठ पढाना है।
नेक रास्तों पर आगे बढो , यही सबको बताना है॥३॥
@@@@@@@@@@@ रमेश कुमार सिंह ” रुद्र ”
_____________________________21-10-2016