गीत रचना : ये जनता के हत्यारे
पढ़ती बाला आस जगाती, भावी कल इनका होगा
सैनिक अपने पहरा देते, मान इन्हें देना होगा |
कही क्रोध है कही क्षोभ है, दहशत में जनता सारी
नापाक इरादे देख पाक के, पहरा दे फौजी भारी |
अपनी कौरी ऐंठ रखे जो, देख रही दुनिया सारी,
भूल गया वो मात पुरानी, चालाकी रखता जारी |
युद्ध भूमि में सन्देश कृष्ण का, अर्जुन अब लड़ना होगा
सैनिक अपने पहरा देते, ——|
बढ़ें आत्मबल सदा उन्ही का, संकल्प रहे जिनके मन में,
जीवन का संग्राम जीतते, हिम्मत जिनकी रहें ह्रदय में |
सजग सदा रह पहरा देते, जनता में विश्वास जगाते,
मात नही दे सकता उनकों, कभी न माँ का दूध लजाते |
अभिमन्यु सा पूत जनें माँ, फौजी दक्ष तभी होगा
सैनिक अपने पहरा देते, ——-
लूट पाट कर हिंसा करते, बेजा वजह सताते हैं,
बम बारूद से धरती सहमी, बाज नहीं वे आते हैं |
शह देते है जो भी इनको, वे जनता के हत्यारें,
घात लगाएं बैठे कातिल, ये आतंकी है सारे |
झांसी रानी जैसी महिला, रणचंडी बनना होगा
सैनिक अपने पहरा देते, —-