कविता

“शक्ति छंद”

मापनी- 122 122 122 12, 10- 8 पर यति, पदांत- लघु गुरु
मना लो गले से लगालो मुझे
तमन्ना तुम्हारी मनालो मुझे।।
भटकने न दो आस मेरी वफ़ा
न होती जुदा खास मेरी वफ़ा।।
निगाहें रहम की पियासी नहीं
न रखती वहम मैं शियासी नहीं।।
अरज आरती दीप आहें भली
चली मनचली आप अपनी गली।।

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ