मान जाओ अब पिया
मान जाओ अब पिया, रूठने नहीं दूंगी ||
यकीं मुझपर जो किया, टूटने नहीं दूंगी |
तुम कन्हैया काले मैं हूँ राधा गोरी |
श्याम रंग लगा दिया छूटने नहीं दूंगी ||
बहुत जतन कर रखा है तेरी यादों को |
उनके ही साथ जिया लूटने नहीं दूंगी ||
दिल चाहता है कि जी भर देख लूँ आपको |
अपनी नज़र उठा लिया झुकने नहीं दूंगी ||
हाजिर हो गई हूँ मैं कत्ल कीजिए मिरा |
नयन तीर चला दिया चूकने नहीं दूंगी ||
महक गईं हवाएँ खुश्बू से आपकी |
जी भर सांसो ने जिया घुटने नहीं दूंगी ||
मैं तो बाती हूँ मुझे स्वीकार है जलना,
जलाओ प्रेम का दिया, बुझने नहीं दूंगी |
© किरण सिंह