ग़ज़ल
हौंसलों को बुलन्द बनाना चाहिये।
मुशकिलों से न घबराना चाहिये।
रात और दिन मेहनत करता जो;
उसे गर्व से जीवन बिताना चाहिये।
कभी चाहकर भी कुछ मिलता नहीं;
पर आगे बड़ते जाना चाहिये।
दोष किस्मत को देना नहीं सही;
विश्वास को यूं बड़ाना चाहिये।
कामनी गुप्ता***
जम्मू !