आज की कविता
मोदी जी के यही शिकार, कालाधन और भ्रष्टाचार
सारा देश साथ में यार, जल्दी पकड़ो रंगे सियार
बेईमान की खैर नहीं, आँच न सच को आए यार
निकली सबकी सोच गलत, बैंकों में भी हैं एयार
तेल तो सब ने देख लिया, अभी देखना तेल की धार
बोरों नोट हुए भूसा, है लोगों में हाहाकार
चोर चोर मौसेरे हैं, कहां लगाएं कौन गुहार
पकड़ो चुनचुन भ्रष्ट सभी, सारा देश खड़ा तैयार
नोट गुलाबी कहां गए, बढ़ती जाती रोज कतार
— मनोज श्रीवास्तव