फल महिमा -दोहे
मधुर आम उपवन उपज, करते सब रस पान |
तिक्त करेला कटु बहुत, करता रोग निदान ||
काला जामुन है सरस, मत समझो बेकार |
दूर भगाता मर्ज सब, पेट का सब बिकार ||
पपीता बहुत काम का, कच्चा खाने योग्य |
पक्का खाओ प्रति दिवस, है यह पाचक भोज्य ||
खट्टा मीठा रस भरा, अच्छा है अंगूर |
खाओ संभल के इसे , अम्ल कारी प्रचूर ||
मीठा होता सन्तरा, ज्यों अंगूर-शराब |
रस इसका खुल पीजिये, पाचन अगर ख़राब ||
कलिन्दा सभी मानते, उपज ग्रीष्मकालीन |
खाता हरेक चाव से, मुहताज या कुलीन ||
छाल इस पर हराभरा, अन्दर पूरा लाल |
रस पीओ ठण्डा करो, जैसा हो अनुकाल ||
रोगी सभी प्रकार के, करे सेवन अनार |
आंव,कब्ज कै दस्त भी, होता दूर विकार ||
द्रव्य पचाने में निपुण, गुणवान अनन्नास |
करता बाहर अम्लता, ऐसा है विश्वास ||
कदली खाओ प्रेम से, पर भोजन के बाद |
रिक्त पेट कदली सदा, करत काय बरबाद ||
@कालीपद ‘प्रसाद’