गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

मेरा ख्याल दिल में जब भी कभी आया होगा।
आँखों ने यूंही अश्कों को कहीं छुपाया होगा।

चाह तो तुम्हारे दिल में भी कायम है मगर;
गैरों के लिए झूठा वहम फिर लाया होगा।

कब तक छुपाओगे उल्फत की खुशबू को यूं;
मेरे ख्याल ने ही तुमको जब महकाया होगा।

इकरार उल्फत का जो कर लो तो सुनो ऐ हमनशीं;
तेरी राह में पलको को हमने बिछाया होगा।

तेरे इन्कार से कोई शिकवा न होगा पर;
मुस्कुरा के फिर जीना ना कभी आया होगा।

कामनी गुप्ता***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |