6. स्वर-सरगम
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
‘अ’ अनार से ताकत पाओ,
‘आ’ आम मज़े से खाओ.
‘इ’ इमली खट्टी होती है,
‘ई’ से ईख मधुर होती है.
‘उ’ उल्लू है रात को जगता,
‘ऊ’ ऊन से जाड़ा भगता.
‘ऋ’ ऋषि हैं ज्ञान-प्रदाता,
वेद-पुराणों के हैं ज्ञाता.
‘ए’ एकतारा तुन-तुन बोले,
‘ऐ’ ऐनक से दृष्टि न डोले.
‘ओ’ से ओखली कूटे धान,
‘औ’ औरत का करना मान.
‘अं’ अंगूर बेल पर होते,
‘अः’ से स्वर खत्म हैं होते.