तरही ग़ज़ल !
दिल अभी तक जवान है प्यारे।
बाकि अभी कुछ अरमान है प्यारे।
दिल को संभाल के था रखा बहुत;
ख्वाहिशों से धड़कने परेशान है प्यारे।
शहर में भीड़ तो कितनी थी मगर;
मुहोब्बत की राहें सुनसान है प्यारे।
बालों की चांदी को देख कर सोचे;
कितने दिनों का मेहमान है प्यारे।
आँखों में अधूरे ख्वाबों की नमी है;
ज़िन्दगी यह कहां आसान है प्यारे।
कामनी गुप्ता***
जम्मू !