गीतिका/ग़ज़ल

तरही ग़ज़ल !

दिल अभी तक जवान है प्यारे।
बाकि अभी कुछ अरमान है प्यारे।

दिल को संभाल के था रखा बहुत;
ख्वाहिशों से धड़कने परेशान है प्यारे।

शहर में भीड़ तो कितनी थी मगर;
मुहोब्बत की राहें सुनसान है प्यारे।

बालों की चांदी को देख कर सोचे;
कितने दिनों का मेहमान है प्यारे।

आँखों में अधूरे ख्वाबों की नमी है;
ज़िन्दगी यह कहां आसान है प्यारे।

कामनी गुप्ता***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |