अहसास
तेरे अहसास से है, हम मुहब्बत कर बैठे
मचलते जज्बात से है, हम मुहब्बत कर बैठे !
तेरा मिलना इक सपना सुहाना लगता है
तेरे इंतज़ार से है, हम मुहब्बत कर बैठे !!
ख्वाहिशें सिसकेंगी, बन्द दरवाजों में छुप -छुप के कहीं
तड़पेंगे जज्बात, बन्द बक्सों में घुट -घुट के कहीं !
मुकम्मल प्रीत हो मेरी, शक है हमको
जानबूझ कर, हाय! क्या सितम हम कर बैठे !!
तेरे अहसास से है, हम मुहब्बत कर बैठे !!
अंजु गुप्ता