कविता
कविता
जीवन जलधाराओं सा चलता हो जाये
हर पहलू सा हर्ष सा खिलता हो जाये |
भीगू जल में बरसते कितना तपन हो
मन समर्थता लिये हल मिलता हो जाये|
नाचू कथकली थिरकते से लिये कदमो
अपने साथ हर नया पल रहता हो जाये |
कल धारा कहती संदेश प्यारा हो उजयारा
जिंदगी ले बढता सा फल सहता हो जाये |
जीवन हो सबल ले कर धाराओं से यूँ बल
नव सफल अदव पा आशाओं बहना हो जाये |
रेखा मोहन २४ /६/२०१७
बरषा आगमन पर गीत बहुत से अरमान लिये हुये.