कविता

कविता

कविता
जीवन जलधाराओं सा चलता हो जाये
हर पहलू सा हर्ष सा खिलता हो जाये |
भीगू जल में बरसते कितना तपन हो
मन समर्थता लिये हल मिलता हो जाये|
नाचू कथकली थिरकते से लिये कदमो
अपने साथ हर नया पल रहता हो जाये |
कल धारा कहती संदेश प्यारा हो उजयारा
जिंदगी ले बढता सा फल सहता हो जाये |
जीवन हो सबल ले कर धाराओं से यूँ बल
नव सफल अदव पा आशाओं बहना हो जाये |
रेखा मोहन २४ /६/२०१७

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल chandigarhemployed@gmail.com

One thought on “कविता

  • रेखा मोहन

    बरषा आगमन पर गीत बहुत से अरमान लिये हुये.

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