मुस्कानों के फूल
मुस्कानों के फूल खिलाओ,
महकेगा जग सारा,
जिधर चलोगे, उधर सजेगा,
गुलशन प्यारा-न्यारा.
कुदरत का वरदान है मुस्कान,
अधरों की तो शान है मुस्कान,
रोने से कुछ हासिल नहीं होता,
उदासी में तो जान है मुस्कान.
जब भी किसी से मिला करो,
मुस्कुरा कर मिला करो,
देखकर तुम दूसरों को,
सुमन-सम बस खिला करो.
मुस्कुराते रहिए हमेशा,
मुस्कुराहट खुदा की इबादत है,
वही मुस्कुरा सकता है,
जिस पर रब की इनायत है.
रब की इनायत पाने को बस,
मुस्कुराया करो हर हाल में,
खुशी और गम का नाम है जिंदगी,
व्यर्थ मत फंसो बवाल में.
मुस्कुराने से हल मिल सकता है,
कोई नया रस्ता दिख सकता है,
आंखों में नई चमक आ जाती है,
जब मुस्कुराहट का फूल खिलता है.
मुस्कुराता चेहरा प्रभु को भी भाता है,
मुस्कुराहट से खुशियों का गहरा नाता है,
मुस्कानों के फूल खिलाने से ही,
मन मधुमय हो जाता है.
मुस्कुराने के लिए हर पल होता है,
केवल World Smile Day नहीं होता है,
दुःख में भी जो मुस्कुराना सीख सके,
उसका तनाव मुस्कुराने से दूर होता है.
सारा जहां है तेरा, तू मुस्कुराना सीख ले.
मन को महकाना सीख ले,
देखने का अंदाज़ सकारात्मक करके देख जरा,
मुस्कानों के फूल खिलाना सीख ले.
कोई आहट ना सरसराहट है,
जिंदगी सिर्फ मुस्कुराहट है.