देखा था तुमको प्रिय मैंने
अपने हिय के आंगन में
मिल जाओ तुम मुझको
भर दूँगा खुशी तुम्हारे दामन में
आ जाओ तुम राधा बनकर
मैं भी तो तुम्हारा श्याम हूँ
तुम हो यदि सीता प्यारी
तो मैं भी तुम्हारा राम हूँ ।
– रमाकान्त पटेल
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