बेचैनी
शराब की दुकानें बंद थीं तो नशेड़ियों के दिन बेचैनी में कट रहे थे
मिठाई की दुकानें बंद हैं तो मिठाईखोरों के दिन बेचैनी में कट रहे हैं
सिगरेट की दुकानें बंद हैं तो सिगरेट-शौकीनों के दिन बेचैनी में कट रहे हैं
लॉकडाउन अडिक्शन को नमस्ते करने का सबसे अछ्हा समय है
अडिक्शन को करिए नमस्ते, तो लॉकडाउन के बाद भी दिन लगेंगे बहुत सस्ते.
अडिक्शन छोड़िए,
बीमारियां आपसे दूर रहेंगी,
काम में मन लगेगा,
नींद अच्छी आएगी,
बेचैनी भाग जाएगी.
अब शराब की दुकानें खुली हैं, लेकिन जमाखोरी के चलते शराब बहुत महंगी हो गई है, इसलिए नशेड़ियों की बेचैनी और अधिक बढ़ गई है