लघुकथा

लघुकथा – कोरोना दानव

कोरोना महामारी के चलते टी.वही.पर रामायण और महाभारत का प्रसारण हो रहा था। वर्मा जी का पूरा परिवार अभी कई वर्षों के बाद लॉक डाउन में एक साथ इकट्ठा हुआ था। सभी बड़े प्रसन्न थे। सबसे ज्यादा दादी जी प्रसन्नता का अनुभव कर रही थीं। वे बड़ी उत्साहित होकर बच्चों को कहानी सुना रही थीं।
रामायण में राम जी राक्षसों का वध करते देख नन्हा चिंटू ने दादी से पूछा- “दादी, राम और कृष्ण भगवान जी ने राक्षसों को मार दिया था। आप कहती हैं कि ये कोरोना भी राक्षस है जो सबको मार रहा है। ये कोरोना राक्षस को मारने भगवान कब आएंगे?”
नन्हें चिंटू के इस प्रश्न पर दादी ने मुस्कुराते हुए कहा- “हां बेटा, इस राक्षसों को मारने के लिये इस धरती पर भगवानों ने जन्म कब से ले लिया है।”
चिंटू ने बड़े भोलेपन से पूछा-“दादी वो भगवान कौन है और कहां हैं?
दादी ने कहा,-“हमारे डाक्टर्स ,नर्स सभी स्वास्थ्य कर्मी,स्वच्छता कर्मी और पुलिस कर्मी आज के इस युग के इस कोरोना काल के भगवान हैं ,जो कोरोना रूपी राक्षस को मारकर हमारी उससे रक्षा कर रहे हैं। वे अगर नहीं होते तो आज हम सुरक्षित नहीं होते । हमें उनको प्रणाम करना चाहिए । हमें उनका सम्मान करना चाहिए।”
तभी एक सफाई कर्मी कचरा लेने उनके आँगन आया। उसको देखते ही नन्हा चिंटू दौड़ते हुए आँगन आया और उस सफाई कर्मी को नमस्कार करते हुये कहा, ” आप सचमुच भगवान हैं न? आपको प्रणाम!”
यह सुनकर वह सफाई कर्मी और उनका परिवार चिंटू के इस भोलेपन पर हँस पड़ा।

— डॉ. शैल चन्द्रा

*डॉ. शैल चन्द्रा

सम्प्रति प्राचार्य, शासकीय उच्च माध्यमिक शाला, टांगापानी, तहसील-नगरी, छत्तीसगढ़ रावण भाठा, नगरी जिला- धमतरी छत्तीसगढ़ मो नम्बर-9977834645 email- [email protected]