प्रकृति की तालीम
अकेला कोई नहीं जी सकता
इस दुनिया में
एक दूसरे के सहयोग से ही
बनती है जिंदगी
समूहिक चेतना का सम्मिलित
सूक्ष्म तत्त्व है जिंदगी
अपना – पराये की भावना,
एक दूसरे का मोरचा
असमानता का यह भेद
अमानवीयता का व्यवहार
क्यों घुस गयी है मनुष्य के अंदर
कैसे बना है यह मानव जीव
वर्ण, जाति का रूपांतर,
धरती के जीव – जीव का
प्रकृति हमें परिचय कराती है
इस दुनिया में कोई भी प्राणी
ऊँच या नीच नहीं है
हरेक का अपनी अलग विशेषता है,
एक दूसरे के सहारे
अंतिम लक्ष्य की ओर
सफल यात्री बन जाने का
इस धरती के कण – कण में
समता – ममता भरने का
सीख देती है हमें यह सुंदर प्रकृति ।