खैनी व तम्बाकू सेवन दंडित अपराध घोषित हो
आज के युवा शेर जैसा साहस रखते हैं, पर यही युवा इस अतिप्रगतिशील 21वीं सदी में खैनी, शराब, लड़की और सिगरेट की फूँके मारने जैसे अप्रगतिशील कार्य कर अपने जीवन को “बर्बाद” कर रहे हैं ।
क्या हम इसतरह के साहसी-युवा बनने जा रहे हैं, जो कि बहादुरी की शेखी बघारते हैं और अपने दिनचर्या को बदल नहीं कर पा रहे हैं तथा हम कहते हैं- “हम देश के भविष्य हैं !”
बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों में खैनी खाने का प्रचलन है । ऐसा सुना है, देश के प्रथम राष्ट्रपति, पूर्व रेल मंत्री से लेकर ग्रुप-डी कर्मी तक इसका सेवन किए हैं/करते हैं ! ’80 चुटकी, 90 ताल, खाके खैनी, जीओ 100 साल’ यह पंचलाइन बकवास के सिवाय और कुछ नहीं!
तम्बाकू-पत्ता और चूना से तैयार खैनी भी नशा है, जिनका लत ठीक नहीं है, इनसे भी गम्भीर रोग होते हैं और इस पर भी नशा सेवन की तरह रोक लगनी ही चाहिए ।